चालबाज़ लकड़बग्गे की चाल। The Cunning Hyaena’s Trickery. : एक बहुत बड़ा जंगल था। उस जंगल में बहुत सारे छोटे-बड़े जानवर आपस में मिलकर रहते थे और जरूरत पड़ने पर सभी एक दूसरे की मदद करते थे। उस जंगल का राजा एक शेर था जो अपनी भूख मिटाने के लिए जानवरों का शिकार करता था।

उसका एक मंत्री लकड़बग्गा था जो बहुत ही ही चालक था। वह अक्सर शेर से कहकर जानवरों को मौत के घाट उतरवा देता था।

एक दिन शेर बहुत बीमार हो गया। वह जानवरों का शिकार नहीं कर पा रहा था, जिसकी वजह से उसे भूखा पेट ही सोना पड़ता था। एक बार उसने अपने लकड़बग्गे से कहा कि किसी मूर्ख जानवर को मेरे पास लेकर आओ, मैं उस जानवर का शिकार करके अपनी भूख शांत करूंगा और मेरे खाने के बाद तुम भी अपनी भूख शांत कर लेना।

चालबाज़ लकड़बग्गे की चाल। The cunning Hyaena’s trickery.

लकड़बग्गा सोचने लगा कि किस जानवर को में लेकर जाऊं। कोई भी जानवर अपनी खुशी से तो जायेगा नहीं। तब उसने सोचा कि गधा सभी जानवरों में सबसे बड़ा मूर्ख जानवर होता। इसलिए गधे को को ही इस बार शिकार बनाना चाहिये।

यह सोच कर लकड़बग्गा गधे के पास गया और कहा कि महाराज ने विवाह रचाने का निश्चय किया है। इसके लिए तुम्हें तैयार होकर महाराज की गुफा के पास चलना होगा। लकड़बग्गे की बात सुनकर वह खुशी से ढेंचू-ढेंचू करने लगा और वह लकड़बग्गे के साथ महाराज की गुफा के पास पहुंचा जहां शेर पहले से ही शिकार के लिए घात लगाकर बैठा हुआ था। The cunning Hyaena’s trickery.

चालबाज़ लकड़बग्गे की चाल।  The cunning Hyaena's trickery.
चालबाज़ लकड़बग्गे की चाल। The cunning Hyaena’s trickery.

चालबाज़ लकड़बग्गे की चाल। The cunning Hyaena’s trickery.

जब गधा गुफा के पास आया तो अचानक शेर ने झपटट्टा मारकर गधे को मार गिराया। इधर लकड़बग्गे का भी भूख से बुरा हाल था और जब तक शेर नहीं खा लेता तब तक वह उस शिकार से कुछ भी नहीं खा सकता था।

तब उसने एक युक्ति निकाली और शेर से कहा कि महाराज आप अभी थक गये होंगे आप पास में ही एक नदी है आप उसमें स्नान कर लीजिए। नदी के ठंडे पानी से आप की थकान दूर हो जायेगी।

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लकड़बग्गे के कहने पर शेर नदी में स्नान करने के लिए चला गया। लकड़बग्गे ने शेर के ना होने का फ़ायदा उठाते हुए गधे का दिमाग चट कर लिया और अपनी भूख शांत कर ली। जब शेर नदी से नहा के आया तो उसने देखा कि गधे का दिमाग गायब है तो उसे बहुत हैरानी हुई।

उसने लकड़बग्गे से कहा कि इस गधे का दिमाग कहां है। लकड़बग्गे समझ गया की शेर को गुस्सा आने वाला है, शेर महाराज को कुछ तो कहना पड़ेगा। लकड़बग्गे ने तुरंत शेर को कहा महाराज इस गधे के अन्दर तो दिमाग था ही नहीं क्योकि यदि इस गधे में दिमाग होता तो यह मेरे साथ आपकी गुफा तक आता ही क्यों।

शिक्षा – हमेशा चालबाज लोगो से सावधान रहना चाहिए। क्योकि ऐसे लोग किसी के सगे नहीं होते। वह केवल अपना मतलब निकालते है।

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